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Four-time MP and veteran BJP leader Dr Chhatrapal Singh passes away
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक दुखद खबर आई है। यहां के चार बार सांसद और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे डॉक्टर छत्रपाल सिंह का निधन हो गया है। दिल्ली एम्स में लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। छत्रपाल सिंह का नाम साल 2005 में एक विवादित मामले में भी सुर्खियों में आया था, जब उन पर 15 हजार रुपए की रिश्वत लेकर सदन में सवाल पूछने का आरोप लगा था। राजनीति में उनके उतार-चढ़ाव के बीच, उनकी मौत से बुलंदशहर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है।
डॉक्टर छत्रपाल सिंह का राजनीतिक सफर 1980 में स्याना विधानसभा से जनता पार्टी (एस) के टिकट पर शुरू हुआ था। बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और बुलंदशहर से सांसद के रूप में चार बार 1991, 1996, 1998 और 1999 में जीत हासिल की। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में जनवरी 2003 में उन्हें केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन राज्यमंत्री के पद से सम्मानित किया गया। हालांकि, 2004 के चुनाव में भाजपा ने बुलंदशहर से उनकी जगह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को टिकट दिया। इसके बाद पार्टी ने छत्रपाल सिंह को उड़ीसा से राज्यसभा भेजकर उनकी राजनीतिक यात्रा को आगे बढ़ाया।
राज्यसभा सदस्य के दौरान एक स्टिंग मामले में फंसने के बाद छत्रपाल सिंह का राजनीतिक करियर गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। इसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए राष्ट्रीय लोकदल का दामन भी थामा। 2012 में अनूपशहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। एक दौर में वे कल्याण सिंह के बेहद करीबी साथी माने जाते थे, लेकिन जब कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी, तब भी छत्रपाल सिंह पार्टी में बने रहे। इस वजह से दोनों नेताओं के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और उनका रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा।