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Google's new AI tool: To hell with the internet! Now Google's new AI tool will work without internet, ChatGPT is out
टेक डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में बड़ी हलचल मची हुई है। जहाँ ChatGPT जैसे बड़े AI मॉडल इंटरनेट के बिना काम नहीं कर सकते, वहीं Google ने एक ऐसा कमाल कर दिखाया है जिससे AI अब हर किसी की पहुँच में आ जाएगा। गूगल ने ऐसे नए AI मॉडल पेश किए हैं जो बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी शानदार तरीके से काम करेंगे। यह AI के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है और गूगल को इस बढ़ती हुई दौड़ में सबसे आगे खड़ा कर सकता है।
Google की रिसर्च शाखा, Google DeepMind ने हाल ही में "Gemini Robotics On-Device" नाम का एक दमदार ऑफ़लाइन AI सिस्टम लॉन्च किया है। इसके साथ ही, Google ने "Gemma 3n" नाम का एक हल्का AI मॉडल भी पेश किया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सीधे आपके स्मार्टफोन और दूसरे छोटे डिवाइस (जैसे पिक्सेल फ़ोन) पर चल सकता है और इसे सिर्फ 2GB रैम की ज़रूरत होती है! सोचिए, यह AI मॉडल टेक्स्ट, ऑडियो, इमेज और वीडियो को बिना किसी क्लाउड या इंटरनेट कनेक्शन के समझ और प्रोसेस कर सकता है।
बिना इंटरनेट कनेक्शन: यह इसकी सबसे बड़ी और गेम-चेंजिंग खूबी है। अब आप कहीं भी हों, चाहे नेटवर्क न हो या बहुत धीमा हो, AI का इस्तेमाल कर पाएँगे। यह उन दूरदराज के इलाकों के लिए वरदान साबित होगा जहाँ कनेक्टिविटी एक बड़ी समस्या है।
बिजली जैसी तेज़ प्रतिक्रिया: क्योंकि AI मॉडल सीधे आपके डिवाइस पर चलता है, डेटा को क्लाउड पर भेजने और वापस लाने में लगने वाला समय बच जाता है। इसका मतलब है कि AI की प्रतिक्रियाएँ आपको लगभग तुरंत मिलेंगी।
आपकी प्राइवेसी सबसे पहले: जब AI मॉडल सीधे डिवाइस पर चलता है, तो आपका संवेदनशील डेटा कहीं बाहर सर्वर पर नहीं जाता। यह डिवाइस पर ही सुरक्षित रहता है। स्वास्थ्य सेवाओं या फैक्ट्री ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों के लिए यह बहुत ज़रूरी है जहाँ डेटा की गोपनीयता बेहद अहम होती है।
हर भाषा समझे, हर बात माने: Gemma 3n 140 से ज़्यादा भाषाओं को सपोर्ट करता है और 35 भाषाओं में लिखी गई चीज़ों को समझ सकता है। इसका मतलब है कि यह AI टूल ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के लिए सुलभ होगा, चाहे वे किसी भी भाषा में बात करते हों।
रोबोट्स के लिए खास बना AI: Gemini Robotics On-Device को खास तौर पर रोबोटिक्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह रोबोट्स को बिना इंटरनेट के भी मुश्किल काम करने में मदद करता है। सोचिए, एक रोबोट आपके कपड़े मोड़ सकता है, बैग खोल सकता है, या सिर्फ 50-100 बार देखने से ही कोई नया काम सीख सकता है – और वो भी बिना इंटरनेट के।
गूगल का यह कदम AI को ज़्यादा सुलभ, भरोसेमंद और निजी बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। यह उन सभी जगहों के लिए रास्ते खोलेगा जहाँ क्लाउड-आधारित AI मॉडल काम नहीं कर सकते थे, और यह ChatGPT जैसे उन AI मॉडल्स के लिए एक कड़ी चुनौती पेश करेगा जो पूरी तरह से इंटरनेट कनेक्टिविटी पर निर्भर करते हैं।