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वाहनों में इन सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य करने जा रही सरकार, सड़क हादसों में आएगी कमी

By: DM
New Delhi
3/26/2025, 9:51:27 AM
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Government is going to make these safety features mandatory in vehicles, road accidents will reduce

नई दिल्ली। सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए सरकार अब बड़े वाहनों में सुरक्षा फीचर्स को अनिवार्य करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने 2026 से बसों, ट्रकों और 8 या उससे अधिक यात्रियों को ढोने वाले पैसेंजर वाहनों में एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे आधुनिक सुरक्षा फीचर्स को शामिल करना अनिवार्य करने की योजना बनाई है।

इस पहल का उद्देश्य सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन का मसौदा तैयार किया है, जिसके तहत 2026 से बड़े वाहनों में इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS), ड्राइवर ड्रॉजिनेस एंड अटेंशन वार्निंग सिस्टम (DDAWS), और लेन डिपार्चर वार्निंग सिस्टम (LDWS) जैसे महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर्स अनिवार्य होंगे।

ये सेफ्टी फीचर्स होंगे अनिवार्य 

1. इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS):

   यह प्रणाली वाहन के सामने संभावित टक्कर को पहचानने के बाद चालक द्वारा प्रतिक्रिया न किए जाने पर स्वचालित रूप से ब्रेक लागू करती है। इससे टक्कर का प्रभाव कम होता है और दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, जिससे जीवन की रक्षा होती है। यह फीचर भारी वाहनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इनमें ब्रेक लगाने में समय लगता है।

2. ड्राइवर ड्रॉजिनेस एंड अटेंशन वार्निंग सिस्टम (DDAWS):

   इस प्रणाली में इन्फ्रारेड लाइट से लैस कैमरे ड्राइवर की आंखों और सिर की हरकतों पर नजर रखते हैं। यदि चालक की आंखें बंद होने लगती हैं या वह थका हुआ महसूस करता है, तो सिस्टम ड्राइवर को अलर्ट करता है। इससे चालक के ध्यान की कमी और थकान से होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सकता है।

3. लेन डिपार्चर वार्निंग सिस्टम (LDWS):

   यह सिस्टम सड़क पर लेन बदलने से पहले ड्राइवर को चेतावनी देता है। यदि वाहन बिना संकेत दिए अपनी लेन से बाहर निकलने लगता है, तो सिस्टम अलार्म या वाइब्रेशन के माध्यम से ड्राइवर को सतर्क कर देता है। यह प्रणाली सड़क पर वाहन की स्थिरता बनाए रखने में मदद करती है और दुर्घटनाओं को रोकने में प्रभावी है।

4. ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम (BSMS):

   यह सिस्टम वाहन के साइड और रियर में सेंसर का उपयोग करता है, जो ड्राइवर को उन स्थानों के बारे में चेतावनी देते हैं जिन्हें वह मिरर में नहीं देख सकता। जब किसी अन्य वाहन या वस्तु का पता चलता है, तो यह ड्राइवर को अलर्ट करता है। इससे लेन बदलते समय टक्कर की संभावना कम होती है।

नितिन गडकरी का बयान:

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस विषय पर कहा था कि सरकार भारी कमर्शियल वाहनों में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ESP), इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS), और ड्राइवर ड्रॉजिनेस एंड अटेंशन वार्निंग सिस्टम (DDAWS) जैसे सुरक्षा फीचर्स को अनिवार्य करने के लिए एक मसौदा अधिसूचना तैयार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि, “इन फीचर्स को लागू करने से सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित होगी और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।”

गडकरी ने 2023 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले साल 1,72,000 सड़क दुर्घटनाओं में से लगभग 33,000 लोग केवल ट्रकों द्वारा टक्कर मारने के कारण मारे गए थे। इसलिए इन सेफ्टी फीचर्स की आवश्यकता को लेकर मंत्रालय की चिंता और कार्रवाई स्पष्ट है।

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