Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
Hearing from the toilet: A strange incident in Gujarat HC; When a person was seen taking a 'toilet break' in the 'virtual' court...see viral VIDEO
नई दिल्ली/गांधीनगर। क्या आपने कभी सोचा है कि, कोर्ट की कार्यवाही के बीच अगर कोई टॉयलेट में बैठा दिख जाए तो क्या होगा? गुजरात हाई कोर्ट में हाल ही में ऐसा ही कुछ हुआ, जिसने सबको हैरत में डाल दिया और वर्चुअल सुनवाई के प्रोटोकॉल पर एक नई बहस छेड़ दी है।
दरअसल, गुजरात हाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक मामले की लाइव सुनवाई चल रही थी। सब कुछ सामान्य था, लेकिन फिर अचानक न्यायाधीश महोदय की पैनी नज़र एक ऐसे शख्स पर पड़ी, जो कोर्ट की गरिमा को ताक पर रखकर टॉयलेट में बैठकर ही बहस में शामिल हो गया था। सोचिए, यह नज़ारा कितना अजीबोगरीब रहा होगा, कोर्ट में सन्नाटा पसर गया और सब हैरान रह गए।
यह देखते ही न्यायाधीश ने बिना देर किए उस व्यक्ति को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि, यह अदालती कार्यवाही का सीधा अपमान है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके तुरंत बाद, उस 'वर्चुअल' प्रतिभागी को सुनवाई से हटा दिया गया।
अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, वह व्यक्ति एक प्राथमिकी (FIR) को रद करने की मांग करने वाले मामले में प्रतिवादी के रूप में पेश हो रहा था। वह आपराधिक मामले में शिकायतकर्ता था। अदालती कार्यवाही के दौरान अप्रैल में भी इसी हाईकोर्ट में एक शख्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो रहा था और वह बीच कार्यवाही के दौरान सिगरेट पी रहा था।
अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि, उस वकील (या जो भी वह व्यक्ति था) ने ऐसा क्यों किया। क्या यह सिर्फ लापरवाही थी या कोई और मजबूरी? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। लेकिन, इस घटना ने हमें एक बात सोचने पर मजबूर कर दिया है कि, क्या हम ऑनलाइन सुनवाई को ज़रूरत से ज़्यादा हल्के में ले रहे हैं? वहीं, इस घटना का वीडियों सामने आने के बाद अब यह सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। जिसे लेकर लोगों के अलग अलग कमेंट्स भी देखने को मिल रहे है।
आपको बता दें कि, कोरोना महामारी के बाद से अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई एक आम बात हो गई है। इसने न्याय प्रक्रिया को जारी रखने में मदद की है, लेकिन इसके अपने नियम-कायदे भी हैं। वकीलों और अन्य प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि, वे सुनवाई के दौरान उचित और शांत जगह पर बैठें, कोर्ट के प्रति सम्मान दिखाएं और किसी भी तरह की अशोभनीय हरकतों से बचें। यह घटना एक कड़वा लेकिन ज़रूरी सबक है कि, वर्चुअल दुनिया में भी अनुशासन और मर्यादा उतनी ही ज़रूरी है जितनी कि, वास्तविक अदालत कक्ष में। आखिर, न्याय के मंदिर की गरिमा तो हर हाल में बनी रहनी चाहिए।