ताजा खबर

BIG BREAKING: ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू कर सकेंगे पूजा, मामले में वाराणसी कोर्ट ने सुनाया फैसला

By: शुभम शेखर
Varanasi
1/31/2024, 4:42:22 PM
image

Hindus can worship in basement of Gyanvapi mosque Varanasi court rules in case

वाराणसी।  ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को बड़ी जीत हासिल हुई है। वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष को व्यास जी तहखाने में पूजा करने का अधिकार दे दिया है। बता दें कि, मामले में कुछ दिन पहले एएसआई(ASI) सर्वे की रिपोर्ट आई थी जिसमे मस्जिद के अंदर हिन्दू सभ्यता से जुड़े कई दस्तावेज सामने आए थे।

Slide 0
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4
Slide 5
Slide 6
Slide 7
Slide 8
Slide 9
Slide 10
Slide 11

बीते मंगलवार को हिंदू-मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को लेकर अपनी-अपनी दलील पेश की थी, जहां हिंदू पक्ष ने तहखाने में प्रवेश के साथ पूजा-पाठ करने के लिए आदेश मांगा था। वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी। बता दें कि, 1993 से व्यास जी तहखाना में बंद पड़ा था।

4 महीने में कोर्ट ने सुनाया फैसला

Slide 0
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4
Slide 5
Slide 6
Slide 7
Slide 8
Slide 9
Slide 10
Slide 11

25 सितंबर 2023 को शैलेंद्र व्यास ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ का अधिकार देने की मांग की थी। करीब 4 महीने बाद वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुनाया है। ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में 1993 से पहले सोमनाथ व्यास पूजा पाठ किया करते थे। हालांकि, बाद में पूजा पाठ बंद हो गई थी। 2020 में सोमनाथ व्यास का निधन हो गया था। इसके बाद शैलेंद्र व्यास ने कोर्ट से पूजा का अधिकार मांगा था।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने मंगलवार को बहस पूरी कर ली गई थी। इस दौरान अंजुमन इंतजामिया ने वकील मुमताज अहमद, एखलाक अहमद कहा था कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का पार्ट है। यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इसलिए पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

नगा साधुओं ने युद्ध में जीतकर व्यास परिवार को दिया था तहखाना

Slide 0
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4
Slide 5
Slide 6
Slide 7
Slide 8
Slide 9
Slide 10
Slide 11

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि पंडित सोमनाथ व्यास को ज्ञानवापी का तहखाना महानिर्वाणी अखाड़े ने युद्ध में जीतकर दिया था। ताम्र पत्र पर भी लिखा गया था। आज 31 साल बाद यहां पर पूजा का अधिकार मिलना बड़ी जीत है।

25 जनवरी को ASI सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई ज्ञानवापी की ASI सर्वे की रिपोर्ट 25 जनवरी को देर रात सार्वजनिक हुई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, परिसर के अंदर भगवान विष्णु, गणेश और शिवलिंग की मूर्ति मिली हैं। पूरे परिसर को मंदिर के स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 साक्ष्य का जिक्र किया गया है। मस्जिद परिसर के अंदर महामुक्ति मंडप नाम का एक शिलापट भी मिला है।

Slide 0
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4
Slide 5
Slide 6
Slide 7
Slide 8
Slide 9
Slide 10
Slide 11

1551 से मिलता है व्यास परिवार का मंदिर से संबंध

वाराणसी में व्यास परिवार वंशवृक्ष (सजरा) 1551 से मिलता है। सबसे पहले व्यास शतानंद व्यास थे, जो 1551 में इस मंदिर में व्यास थे। इसके बाद सुखदेव व्यास (1669), शिवनाथ व्यास (1734), विश्वनाथ व्यास (1800), शंभुनाथ व्यास (1839), रुकनी देवी (1842) महादेव व्यास (1854), कलिका व्यास 1874), लक्ष्मी नारायण व्यास (1883), रघुनंदन व्यास (1905) बैजनाथ व्यास (1930) तक यह कारवां चला। बैजनाथ व्यास की बेटी ने आगे बढ़ाया वंश बैजनाथ व्यास को कोई बेटा नहीं था। इसलिए उनकी बेटी राजकुमारी ने वंश को आगे बढ़ाया। उनके बेटे सोमनाथ व्यास, चंद्र व्यास, केदारनाथ व्यास और राजनाथ व्यास ने परंपरा को आगे बढ़ाया। सोमनाथ व्यास का देहांत 28 फरवरी 2020 को हुआ। उनकी बेटी ऊषा रानी के बेटे शैलेंद्र कुमार व्यास हैं।

Slide 0
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4
Slide 5
Slide 6
Slide 7
Slide 8
Slide 9
Slide 10
Slide 11

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा-'वजूखाने का सर्वे अगला लक्ष्य' 

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जिला प्रशासन व्यवस्था करेगा, वहाँ पूजा-पाठ शुरू हो जाएगी। इस फैसले के बाद ‘हर-हर महादेव’ के नारे भी लगे। उन्होंने इस घटना की तुलना 1986 के उस आदेश से की, जब केएम पांडेय ने यहाँ का ताला खुलवाया था। उन्होंने कहा कि, वजूखाने का सर्वे अगला लक्ष्य है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों में उम्मीद जगी है कि काशी विश्वनाथ में भी उन्हें जीत मिलेगी।

इसे भी पढ़ें -Gyanvapi Mosque : 'ज्ञानवापी मस्जिद से पहले मौजूद था एक बड़ा हिन्दू मंदिर'- ASI, अंदर देखें रिपोर्ट की कॉपी (inkquest.in)

Slide 0
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4
Slide 5
Slide 6
Slide 7
Slide 8
Slide 9
Slide 10
Slide 11

अन्य समाचार

संपादकों की पसंद

सुर्खियों से परे, सच्चाई तक: ऐप डाउनलोड करें, खबरों का असली चेहरा देखें।

logo

टैग क्लाउड

logo
  • Contact Details Operator
  • Shubham Shekhar, Executive Editor
  • 412, Wallfort Ozone Fafadih, Raipur, C.G.
  • +919630431501
  • contact@inkquest.in

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media