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A large Hindu temple existed before the construction of Gyanvapi mosque claimed in ASI report
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद मामले से जुडी इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने दावा किया है कि मौजूदा संरचना (ज्ञानवापी मस्जिद) के निर्माण से पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के हिस्सों का उपयोग मौजूदा संरचना संरचनाओं (ज्ञानवापी मस्जिद) के निर्माण में किया गया था। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, "वास्तुशिल्प अवशेषों, उजागर विशेषताओं, कलाकृतियों, शिलालेखों, कला और मूर्तियों के अध्ययन के आधार पर, यह कहा जा सकता है कि मौजूदा संरचना (ज्ञानवापी मस्जिद) के निर्माण से पहले एक हिंदू मंदिर मौजूद था।
एएसआई(ASI) की रिपोर्ट के अनुसार, इसके सर्वेक्षण के दौरान 34 शिलालेखों की खोज की गई थी, जिनमें से एक महत्वपूर्ण संख्या पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के पत्थरों पर पाई गई थी। इन पत्थरों को बाद में वर्तमान संरचना के निर्माण / मरम्मत में पुन: उपयोग किया गया था।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सर्वेक्षण में, हिंदू देवताओं की मूर्तियां और नक्काशीदार वास्तुशिल्प संरचनाएं तहखानों में से एक में मिट्टी के नीचे दबी हुई पाई गईं थी।
वहीं, सर्वे के दौरान मिले अवशेष की कुछ तस्वीरें भी सामने आई है। सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि एक हाथ के अवशेष मिले हैं जो बाएं हाथ का बताया जा रहा है। दूसरी तस्वीर में शिवलिंग के नीचे का हिस्सा मिला है जिसे ’योनी पात्र कहा जाता है। एक अन्य तस्वीर में भगवान गणेश की प्रतिमा दिखाई दे रही है, जिसकी ऊंचाई 21 सेंटीमीटर बताई गई है। चौथी तस्वीर में भगवान विष्णु की प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 27 सेंटीमीटर बताई गई है।
असदुद्दीन ओवैसी बौखलाए
दूसरी ओर ज्ञानवापी सर्वे पर एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद एआईएमआईएम(AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बौखलाए हुए हैं। ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि एएसआई हिंदुत्व की गुलाम बन गई है। ओवैसी ने ज्ञानवामी मस्जिद पर एएसआई की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह रिपोर्ट सिर्फ अनुमान पर आधारित है। यह वैज्ञानिक अध्यन का मजाक है।
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