Historic initiative towards transparency, accountability and social justice- CM Sai
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लोकसभा में पारित वक्फ संशोधन बिल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने इस बिल को भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती और संसदीय विमर्श की परिपक्वता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस बिल में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, "वर्षों से वक्फ और सरकारी संपत्तियों के बीच जो अस्पष्टता बनी हुई थी, वह अब समाप्त होगी। यह संशोधन जिलों में जमीन से जुड़े विवादों का शीघ्र समाधान करने में मदद करेगा, क्योंकि जिला कलेक्टर को सर्वेक्षण का अधिकार दिया गया है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बिल का उद्देश्य धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि प्रशासनिक सुधार और न्यायिक पारदर्शिता लाना है।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए उस प्रावधान की सराहना की, जिसके तहत 5वीं और 6वीं अनुसूची क्षेत्र में वक्फ संपत्ति तैयार करने पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा, “इससे आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जों को रोकने में मदद मिलेगी और जनजातीय संस्कृति को संरक्षित किया जाएगा।”
वहीं, मुख्यमंत्री साय ने इस बिल में किए गए प्रावधान पर भी गौर किया जिसमें वक्फ बोर्ड में कोई भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा। उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "विपक्ष मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी धर्म के विरुद्ध नहीं है, बल्कि यह न्याय और समानता के मूल्यों को मजबूत करने वाला है।
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