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Imtiaz Qureshi the first chef honored with Padmashree passes away cooked food for everyone from the first PM to the ex CM of UP and soldiers
नई दिल्ली।दुनियाभर में मशहूर भारत के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित शैफ इम्तियाज कुरैशी (Chef Imtiaz Qureish) की 93 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। नए-नए पकवान बनाना उनका न सिर्फ पेशा था, बल्कि शौक भी था। उन्होंने लखनऊ के मशहूर पकवान दम पुख्त को दुनियाभर के नक्शे पर एक खास मुकाम दिलाया था। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और यूपी के पूर्व सीएम को उन्होंने लजीज खाना खिलाया था। उनकी इस काबिलियत की वजह से ही उन्हें 2016 में पद्मश्री अवार्ड दिया था।
गौरतलब है कि कुरैशी (Chef Imtiaz Qureish) ने महज नौ साल की उम्र में खानसामे का काम करना शुरू कर दिया था. शुरुआती दिनों में कुरैशी को पहलवान बनने का शौक था, इसलिए उन्होंने हाजी इश्तियाक और गुलाम रसूलकी शागिर्दी में रहकर पहलवानी के दांवपेंच सीखे थे. इसके बाद उन्होंने लखनऊ की एक कंपनी में काम करना शुरू किया. खास बात यह है कि इस कंपनी ने 1962 में भारत-चीन जंग के दौरान सैनिकों के लिए खाना बनाने का काम किया था. लखनऊ के तत्कालीन होटल क्लार्क्स अवध ने उन्हें काम पर रखा था, और फिर समूह के नए होटल के लिए आईटीसी होटल्स के संस्थापक अजीत हक्सर ने उन्हें अपने यहां नौकरी दी. उन्होंने जहां कहीं भी अपनी खिदमत पेश की, वहां उनकी खूब तारीफें हुई. कुरैशी को अपनी लंबी मूँछों और सांता क्लॉज जैसे लुक के लिए भी जाना और पहचाना जाता था. उन्हें अक्सर खालिस उर्दू में रसोई की कहानियाँ सुनाते हुए देखा जा सकता था. वे नए लजीज पकवान इजाद करने के लिए मशहूर थे. उनकी मकबूलियत जैसे-वैसे फैलती गई, वैसे-वैसे उनकी मांग में भी तेजी देखने को मिली.
देश के पहले प्रधानमंत्री के लिए बना चुके हैं खाना
कुरैशी को एक दफा मुल्क के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की खिदमत करने का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने नेहरू को बेहद लजीज खाना खिलाकर उनका दिल जीत लिया था। यही नहीं, मांसहारी व्यंजनों के लिए जाने जाने वाले कुरैशी ने एक बार उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सी.पी. गुप्ता के लिए भी बेहद लजीज शाकाहारी खाना बनाकर उन्हें अपना मुरीद बना लिया था।
बेगम अख्तर के लिए बना दी थी एक नई मिठाई
कुरैशी ने शाकाहारी भोजन में तुरुश-ए-पनीर, सूखे बेर और संतरे से भरे पनीर के एस्केलोप्स जैसे व्यंजनों का इजाद किया, जो बाद में लोगों को खूब भाए। उन्होंने गजल गायिका बेगम अख्तर के लिए लब-ए-महशौख नामक मिठाई इजाद की थी। दिल्ली के मशहूर फ्रेंच शेफ रोजर मोनकोर्ट से उन्होने सॉस के राज जाने जो फ्रेंच खानों की खासियत हैं। इम्तियाज़ क़ुरैशी की मौत के साथ भारत ने एक ऐसा शेफ खो दिया है, जिसने न सिर्फ भारतीय खाने को एक नई जिंदगी दी, बल्कि निरक्षर होने के बावजूद दुनिया भर में भारतीय पकवान का पर्याय बन गए।