MP News Big action by the Health Department after the Damoh incident 4 clinics were sealed
भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में फर्जी डॉक्टर द्वारा की गई हार्ट सर्जरी के चलते सात मरीजों की संदिग्ध मौत के मामले ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य महकमे को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद प्रदेशभर में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। इसी क्रम में राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने 4 संदिग्ध क्लीनिकों को सील कर दिया गया है। बताया जाता है कि स्किन स्माइल क्लीनिक और कॉस्मो डर्मा में बिना एक्सपर्ट स्किन ट्रीटमेंट हो रहा था। एक संचालक के पास सिर्फ BHMS की डिग्री थी।
1.तथास्तु डेंटल क्लीनिक होशंगाबाद रोड
2.स्किन स्माइल क्लीनिक
3.कॉस्मो डर्मा स्किन एंड हेयर क्लीनिक,ई-2 अरेरा कॉलोनी
4.एस्थेटिक वर्ल्ड,ई-4 अरेरा कॉलोनी।
इसके अलावा तक़रीबन 15 अस्पताल के रजिस्ट्रेशन नहीं मिले है। मध्यप्रदेश में 174 अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे है। राजधानी भोपाल में बिना रजिस्ट्रेशन 15 अस्पताल चल रहे है।
1.सूर्यांश मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, भानपुर
2.मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शिव नगर
3.मेडिसिटी हॉस्पिटल, शाहजहानाबाद
4.पॉलीवाल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,ISBT
5.डॉ.मलिक्स मिड सिटी हॉस्पिटल,गिन्नोरी रोड
6.कैपिटल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल,करोंद
7.जीवीएम आशीर्वाद हॉस्पिटल,बेरासिया रोड
8.पुखराज मल्टीसिटी हॉस्पिटल,कोहेफिजा
9.टेस्ट्स हॉस्पिटल,टीटी नगर
10.गुरुदत्त यूरो हॉस्पिटल, फतेहगढ़
11.अनुपम हॉस्पिटल, अकरबपुर कोलार
12.महावीर हॉस्पिटल, कोलार रोड
13.संकल्प नेत्रालय,एमपी नगर
14.भोपाल न्यूरो साइकियाट्रिक सेंटर, कोहेफिजा
15.भोपाल हॉस्पिटल मल्टीस्पेशलिटी ट्रॉमा सेंटर, इब्राहीमपुर रोड
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि, यह कदम दमोह कांड के बाद प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता और सतर्कता का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “जिनके पास चिकित्सकीय डिग्री नहीं है और वे क्लीनिक चला रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में ऐसे ऑपरेटरों के खिलाफ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जांच अभियान चलाया जा रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारी ने आगे बताया कि, विभाग की टीमें न केवल डॉक्टरों की शैक्षणिक योग्यता की जांच करेंगी, बल्कि क्लिनिक में कार्यरत अन्य स्टाफ की ट्रेनिंग, मेडिकल लाइसेंस और संबंधित दस्तावेजों की भी गहनता से जांच की जाएगी। उन्होंने संकेत दिए कि यदि किसी क्लिनिक में मरीज़ों के इलाज में लापरवाही या धोखाधड़ी की पुष्टि होती है, तो उसके खिलाफ भी IPC और मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
आपको बता दें कि दमोह के मिशन अस्पताल में कथित हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम द्वारा किए गए ऑपरेशनों में दो महीने के भीतर सात मरीजों की मृत्यु हो गई थी। जांच में सामने आया कि. डॉक्टर की डिग्री फर्जी थी और वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से प्रमाणित भी नहीं था।
दमोह के पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि, “चिकित्सक नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है। यह मामला उनकी डिग्री फर्जी होने को लेकर दर्ज किया गया है।” एसपी ने यह भी बताया कि आरोपी ने कई रोगियों के दिल के ऑपरेशन किए थे, जिनमें से सात की मौत की पुष्टि हुई है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम सोमवार को दमोह पहुंच चुकी है और उसने मिशन अस्पताल में जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आयोग इस मामले में सीधे केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर सुझाव भी देगा। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी सच्चाई को सामने ला दिया है, जहां तमाम झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डर के गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई यह मुहिम आने वाले दिनों में कई और फर्जी चिकित्सकों और अवैध क्लीनिकों को बेनकाब कर सकती है।
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