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Mahakumbh 2025: Sangam will be mafia free, the era of bullets and fear will end
प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ के आसपास का माहौल त्रेता युग जैसा है। हर जगह समुद्र मंथन जैसा माहौल बनाया गया है। रेलवे स्टेशन हो या बस स्टैंड, दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां उस युग को जीवंत कर देती हैं। हालांकि, इस बार के महाकुंभ में एक खास बात यह है कि पिछले कुंभ और महाकुंभ आयोजनों में ठेकों को लेकर विवाद अक्सर गोलीबारी तक का कारण बन जाता था। छोटे और बड़े दोनों ही ठेकों में माफियाओं की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी होती थी।
बता दें कि, पिछले कुंभ या महाकुंभ आयोजनों में अतीक अहमद और उसके भाई का खासा प्रभाव रहा है। बड़े और छोटे दोनों तरह के कई ठेकों में उनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी स्पष्ट थी। 2013 का कुंभ खास तौर पर यादगार है, क्योंकि अशरफ ने कुंभ शहर में दुकानों के आवंटन और लंगर के लिए चावल की आपूर्ति को लेकर एक बड़े व्यवसायी पर गोलीबारी की थी। इस घटना के बाद पुलिस ने मामले को दबाने में कामयाबी हासिल की। हालांकि, यह पहला महाकुंभ है, जहां कोई माफिया अपराधी प्रभाव नहीं डाल रहा है।