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Naxalites panicked and pleaded during the biggest anti naxal operation appealed for peace talks again requested to stop the operation for a month
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमाओं पर बसे बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा-नड़पल्ली के घने जंगलों में सुरक्षाबलों द्वारा चलाये जा रहे देश के सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन का डर अब नक्सलियों में साफ़ दिखाई दे रहा है। आम लोगों से लेकर सुरक्षाबल के जवानों की निर्मम हत्या करने वाले नक्सली अब सरकार से इस अभियान को रोकने की गुहार लगा रहे हैं। नक्सलियों के उत्तरा-पश्चिम सब जोनल ब्यूरों की ओर से जारी पर्चे में उन्होंने सरकार से शांति वार्ता की अपील की है। हथियारों और IED के जरिये खौफ पैदा करने वाले नक्सली अब सरकार के सामने गिड़गिड़ाते हुए इस अभियान को रोकने का अनुरोध कर रहे हैं।

बता दें कि, नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और संगठित ऑपरेशन शुरू किया है। यह ऑपरेशन बीते 60 घंटे से लगातार जारी है और अब तक इसमें 6 नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि 3 के शव बरामद किए जा चुके हैं। करीब 5000 जवानों की संयुक्त फोर्स ने 7 किलोमीटर के पहाड़ी इलाके को चारों तरफ से घेर रखा है, जिसमें लगभग 300 नक्सलियों की घेराबंदी की गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो घिरे हुए नक्सलियों की संख्या 3000 से अधिक भी बताई गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया इनपुट्स के आधार पर ऑपरेशन को लॉन्च किया गया है। यह जानकारी मिली थी कि क्षेत्र में टॉप नक्सली कमांडर हिड़मा, देवा, दामोदर सहित कई बड़े नक्सली नेताओं की मौजूदगी है। कर्रेगुट्टा-नड़पल्ली का जंगल इन नेताओं के गांवों से केवल 30 किमी की दूरी पर है। ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ स्थानीय दस्तों को खत्म करना नहीं, बल्कि इन कुख्यात नक्सल कमांडरों को भी पकड़ना या मार गिराना है।
इस मेगा ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस की DRG और STF, तेलंगाना की ग्रे-हाउंड्स, महाराष्ट्र की C-60 कमांडो, CRPF और उसकी स्पेशल यूनिट कोबरा बटालियन की टीमें शामिल हैं। ऑपरेशन को गृह मंत्री विजय शर्मा खुद मॉनिटर कर रहे हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लगातार अपडेट दिए जा रहे हैं। बताया गया है कि चार दिन पहले जंगल में नक्सलियों की बड़ी मौजूदगी का इनपुट मिला था, जिसके बाद तीनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर रणनीति बनाई।
सुरक्षा बलों को जंगलों में कंक्रीट से बने 12 नक्सली ठिकानों का पता चला, जिनमें से एक तो पूरी तरह बंकर जैसा था और 160 वर्ग फीट में फैला हुआ था। इन ठिकानों से छह सोलर प्लेट्स, नक्सली वर्दियाँ, छत पंखे और भारी मात्रा में अन्य सामान बरामद किया गया। ये ठिकाने अत्यंत सुनियोजित ढंग से बनाये गए थे ताकि लंबे समय तक घने जंगलों में टिके रहा जा सके।
मुठभेड़ के दौरान दो जवान भी घायल हो गए, जिन्हें एयरलिफ्ट कर रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
बस्तर IG सुंदर राज.पी. ने हाल ही में दिए एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में नक्सलियों की मंशा से लेकर उनके एजेंडे और सरकार की रणनीति के बारे में जानकारी साझा की है। जिसके अंश कुछ इस प्रकार है -
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