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Pahalgam terror attack Small shopkeepers missing suspicion of them being linked to sleeper cell increases investigation begins
जम्मू-कश्मीर। पहलगाम हमले के बाद एनआईए समेत तमाम जांच एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। सूत्र बताते हैं कि घटना के बाद से कुछ छोटे दुकानदार जैसे चाय और भेलपुरी बेचने वाले नहीं मिल रहे हैं। इसका पता तब चला जब घटना के प्रत्यक्षदर्शियों की पहचान और उनसे पूछताछ के लिए जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू की। संदेह जताया जा रहा है कि जो लोग गायब हैं, वे आतंकियों के स्लीपर सेल का हिस्सा हो सकते हैं। आशंका है कि ये लोग छोटी-मोटी दुकानों की आड़ में सेना के मूवमेंट की जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाते हैं। मालूम हो, बैसरन घाटी में मौजूद किसी भी चाय, भेलपुरी वाले को आतंकियों ने गोली नहीं मारी। इन लोगों की पहचान उजागर किए बिना ही जांच एजेंसियां इन्हें तलाश रही है।
आतंकी हमले से पहले भारत की खुफिया एजेंसियों को अहम इनपुट मिले थे। इनमें कहा गया था कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन हमला कर सकते हैं और निशाना बाहरी पर्यटक या तीर्थयात्री होंगे। सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को सटीक जानकारी नहीं मिल पाई थी कि हमला कब-कहां होगा। यही चूक पर्यटकों पर भारी पड़ गई। उधर, उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को कई सुराग मिले हैं, जिनसे आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची में बने आतंकी ठिकानों से जुड़ रहे हैं। मंगलवार रात एलओसी के पार लॉन्चपैड पर रातभर पाक सेना की सक्रियता सैटेलाइट से इंटरसेप्ट की गई है।