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RAIPUR NEWS: Journalism University in Raipur celebrated Tribal Pride Day with great pomp and remembered the golden history of Birsa Munda
RAIPUR NEWS: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत – ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष माननीय श्री विकास मरकाम रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति महादेव कांवरे ने की। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना और भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके की गई।
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अपने उद्बोधन में कुलपति एवं संभागायुक्त महादेव कांवरे ने कहा कि बिरसा मुंडा ने आधुनिक और स्वतंत्र भारत का जो सपना देखा था, उसे साकार करने में शिक्षा और विकास की अहम भूमिका है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित जन-मन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के क्रियान्वयन की जानकारी दी तथा बताया कि ये योजनाएँ जनजातीय क्षेत्रों में विकास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
मुख्य अतिथि श्री विकास मरकाम ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के साहस, संघर्ष और बलिदान को याद करने का अवसर है। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा ने मात्र 14 वर्ष की आयु में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर अपने समुदाय के जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष का बिगुल फूंका। उन्होंने धरती आबा को स्मरण करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने अपने समुदाय को अल्प आयु में ही नेतृत्व प्रदान किया और अबुआ देश–अबुआ राज का नारा देकर जनजातीय स्वाभिमान को नई दिशा दी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले जनजातीय वीर सेनानियों की जीवनी प्रकाशित कर जनजातीय गौरव को देशभर तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। मरकाम ने परलकोट आंदोलन के शहीद गेंदसिंह, सोनाखान के वीर नारायण सिंह, बस्तर के क्रांतिकारी गुंडाधूर और सरगुजा के लांगुर किसान जैसे नायकों को विस्तार से याद किया और कहा कि जनजातीय इतिहास स्वर्णिम है, लेकिन कई नायकों को इतिहास में वह स्थान नहीं मिला जिसके वे अधिकारी थे। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि शिक्षा प्राप्त करो, आधुनिक बनो, लेकिन अपनी जड़ों और तीज-त्योहारों को कभी मत भूलो।
कार्यक्रम में कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा ने उपस्थित जनों को इस आयोजन के उद्देश्य और इसकी प्रासंगिकता के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा गठित एडवरटाइजिंग क्लब का शुभारंभ हुआ, जिसमें अभिषेक साहू को अध्यक्ष, कविता भारती को उपाध्यक्ष, प्रज्ञा देवांगन को सचिव, तारिणी रजक को कोषाध्यक्ष और तारिणी सोनी को सदस्य नामित किया गया।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देकर वातावरण को उत्साहपूर्ण बनाया। रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्रों को सम्मानित भी किया गया। इसी क्रम में MBA (HA) विभाग के विद्यार्थियों द्वारा निःशुल्क मेडिकल कैंप लगाया गया, जिसमें छात्रों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों और कर्मचारियों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। मेडिकल कैंप में डॉ. देवेंद्र कश्यप और उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यक्रम के अंत में संयोजक डॉ. आशुतोष मंडावी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन हमें हमारी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं से जोड़ते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को जनजातीय समुदाय और उनसे जुड़े विषयों पर शोध व अध्ययन के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में उप कुलसचिव सौरभ शर्मा, आईटी विभागाध्यक्ष शैलेन्द्र खंडेलवाल, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभागाध्यक्ष डॉ. नृपेंद्र कुमार शर्मा, जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती, अग्रसेन महाविद्यालय की सुश्री ऋतुलता तारक, सुश्री ईशा गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में अतिथि व्याख्याता, शोधार्थी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. अदिति नामदेव, श्रीमती कृति शर्मा और श्रीमती काजल मिश्रा ने किया।