

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार

The mother of dreaded Naxalite commander Hidma also got treatment, took benefit of the health camp organized by the police.
रायपुर। छतीसगढ़ का बस्तर पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद की आग में जल रहा है। सरकार नक्सलवाद से लड़ने और आदिवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं आज सुकमा एवं बीजापुर के सीमावर्ती थाना जगरगुण्डा अंतर्गत ग्राम पूवर्ती में बने सुरक्षा कैम्प की तरफ से स्थानीय ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। शिविर में पुलिस एवं सुरक्षा बल के पैरामेडिकल टीम ने ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आवश्यक दवाईयां एवं सलाह दी। आज के इस स्वास्थ्य शिविर में दुर्दांत नक्सली कमाण्डर हिडमा की माँ और पीएलजीए बटालियन के कमाण्डर बारसे देवा के परिजनों ने भी स्वास्थ्य शिविर का लाभ लिया।

बता दें कि, बस्तर संभाग में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ प्रभावी रूप से नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही क्षेत्र की जनता को सड़क, बिजली, राशन दुकान, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधा तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं का लाभ देने के लिए नवीन सुरक्षा कैम्प बनाए जा रहे है।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. ने बताया कि, नवम्बर 2023 से बीते साढ़े तीन महीनों में 14 सुरक्षा कैम्प बनाये गए है। जिनमे बीजापुर में नवीन सुरक्षा कैम्प पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावड़गांव, मुतवेण्डी एवं गंुडम तथा जिला सुकमा में नवीन सुरक्षा कैम्प मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम एवं पूवर्ती व जिला कांकेर में नवीन सुरक्षा कैम्प पानीडोबीर शामिल है। अभी हाल ही में बने कैम्प पूवर्ती में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में शीर्ष माओवादी कैडर के परिजनों सहित अन्य ने भी इसका लाभ उठाया। यह जनहित में की जा रही पहल का सकारात्मक परिणाम है।

उन्होंने आगे कहा कि, बस्तर में आने वाले दिनोें में सरकार के मंशानुरूप विश्वास, विकास, सुरक्षा, न्याय और सेवा के पंचतत्वों के आधार पर पुलिस, सुरक्षा बल व स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार कार्य करते हुये क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को नक्सल आतंक से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ शासन की अनेक प्रकार की विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुँचाया जाएगा।