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Two officers caught red handed in Bhilai and Korba
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। आज एसीबी ने दो अलग-अलग मामलों में दो सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई भिलाई और कोरबा जिलों में की गई।
भिलाई में सहायक अभियंता पकड़ा गया रिश्वत लेते:
प्रार्थी बी. शिवाजी राव, निवासी चरोदा, भिलाई ने रायपुर स्थित एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने अपने एसी सर्विस व्यवसाय के लिए 12 किलोवाट थ्री-फेस बिजली कनेक्शन हेतु आवेदन किया था। इस पर चंगोराभाठा जोन में पदस्थ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के सहायक अभियंता प्रवीण साहू ने 25,000 रुपए की रिश्वत की मांग की।
शिकायत के सत्यापन के पश्चात ACB रायपुर द्वारा ट्रेप की कार्रवाई की गई और आज प्रवीण साहू को 25,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
कोरबा में पटवारी ने मांगी जमीन रिकॉर्ड में नाम चढ़ाने के लिए रिश्वत:
दूसरा मामला कोरबा जिले का है, जहाँ दुल्लापुर पाली निवासी प्रार्थी समर सिंह ने एसीबी बिलासपुर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वे पिछले 40 वर्षों से अपनी पुश्तैनी जमीन पर काबिज हैं, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में नाम ऑनलाइन दर्ज कराने के लिए पटवारी सुल्तान सिंह बंजारा ने 25,000 रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।
शिकायत की पुष्टि होने के बाद एसीबी बिलासपुर ने ट्रेप की योजना बनाई और आज पटवारी को 10,000 रुपए की पहली किश्त लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
इंडियन ओवरसीज बैंक घोटाला: 1.65 करोड़ की फर्जी ज्वेल लोन स्कीम में तीन बैंक अधिकारी गिरफ्तार
गरियाबंद। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा इंडियन ओवरसीज बैंक, शाखा राजिम (जिला गरियाबंद) में हुए बड़े बैंक घोटाले की जांच के तहत आज तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में खाताधारकों के बंद खातों का दुरुपयोग कर फर्जी ज्वेल लोन निकालने और बैंक से 1.65 करोड़ रुपये गबन करने का गंभीर आरोप है।
क्या है पूरा मामला
वर्ष 2022 में बैंक अधिकारियों द्वारा बैंक के सर्विलांस और मॉनिटरिंग सिस्टम को तोड़ते हुए फर्जी अप्रूवल के जरिए गरीब खाताधारकों के नाम पर फर्जी ज्वेल लोन स्वीकृत किए गए। लोन की राशि खाताधारकों के खातों में डालकर फिर उन्हें पूर्व में गिरफ्तार सहायक प्रबंधक सुश्री अंकिता पाणिग्रही के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।
इसके बाद गबन की गई राशि को जोरोधा नामक शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर फ्यूचर्स और ऑप्शन ट्रेडिंग स्कीमों में निवेश किया गया, जिसमें पूरा पैसा डूब गया, जिससे बैंक को 1.65 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति हुई।
तीन आरोपी गिरफ्तार:
आज इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील कुमार को बिहार से गिरफ्तार किया गया। साथ ही बैंक के दो लिपिक खेमन लाल कंवर एवं योगेश पटेल को भी गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया है।