

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
.jpg&w=3840&q=75)
Vice President Jagdeep Dhankhar attacks the judiciary says the court cannot give orders to the President
नई दिल्ली। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति को तय समय में फैसला लेने को लेकर की गई टिप्पणी पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कड़ी आपत्ती जताई हैं।
उन्होंने न्यायपालिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत में ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी, जहां न्यायाधीश कानून बनाएंगे, कार्यकारी जिम्मेदारी निभाएंगे और 'सुपर संसद' के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां अदालतें राष्ट्रपति को आदेश दें। धनखड़ की ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आई है, जिसमें कोर्ट ने राष्ट्रपति से विधेयक पर फैसला लेने की समयसीमा निर्धारित की थी।
धनखड़ ने कहा, "एक हालिया फैसले में राष्ट्रपति को निर्देश दिया गया है। हम कहां जा रहे हैं? इसे लेकर बेहद संवेदनशील होने की जरूरत है। हमने इस दिन की कल्पना नहीं की थी, जहां राष्ट्रपति को तय समय में फैसला लेने के लिए कहा जाएगा और अगर वे फैसला नहीं लेंगे तो कानून बन जाएगा। अब जज विधायी चीजों पर फैसला करेंगे। उनकी कोई जवाबदेही भी नहीं होगी, क्योंकि इस देश का कानून उन पर लागू ही नहीं होता।"