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कोंडागांव: करोड़ों की लागत से बना बस स्टैंड बंद, बना नशेड़ियों का अड्डा, HC ने सरकार को लगाईं फटकार

By: शुभम शेखर
Bilaspur
3/23/2025, 6:22:50 PM
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Kondagaon Bus stand built at the cost of crores fell prey to drug addicts Chhattisgarh Highcourt reprimanded the government

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोंडागांव में करोड़ों रुपये की लागत से बने नए अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल को चालू न करने पर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने समाचार पत्र में प्रकाशित एक खबर का स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने यह कार्यवाही की।

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6.51 करोड़ की लागत वाला बस स्टैंड बना असामाजिक तत्वों का अड्डा

हाईकोर्ट ने खबर का हवाला देते हुए कहा कि 6.51 करोड़ रुपये की लागत से बने बस टर्मिनल का दो वर्षों से उपयोग नहीं हो रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि निगरानी की कमी और बस सेवाएं शुरू न होने के कारण यह स्थान शराबखोरी, उपद्रव और स्टंटबाजी जैसी असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बन गया है। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वहां एक बड़ा डिस्प्ले स्क्रीन भी लगा है, जो बस संचालन न होने की वजह से बेकार पड़ा है।

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कोर्ट की तीखी टिप्पणी

मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, "जब राज्य सरकार ने बस स्टैंड के निर्माण पर इतनी बड़ी राशि खर्च की है, तो उसे चालू न करने का कारण समझ से परे है।"

कोर्ट ने जिला प्रशासन की उदासीनता को अपराधों के बढ़ने का कारण बताया और कहा कि लापरवाही से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और भविष्य में सरकार को इसकी मरम्मत पर और धन खर्च करना पड़ सकता है।

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सुनवाई की कार्यवाही और निर्देश

सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने राज्य, नगरीय प्रशासन सचिव, कलेक्टर और कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक का पक्ष रखा, जबकि संदीप दुबे की ओर से मनस वाजपेयी ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी, कोंडागांव का पक्ष रखा।

ठाकुर ने स्वीकार किया कि बस स्टैंड शहर के बाहरी इलाके में स्थित है, इसलिए वह उपयोग में नहीं आ रहा है। उन्होंने हाल की तस्वीरें कोर्ट के समक्ष पेश कीं और बताया कि इस विषय पर हितधारकों की बैठक भी हुई है।

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कोर्ट ने इस स्पष्टीकरण को असंतोषजनक मानते हुए नगरीय प्रशासन और विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

- बस स्टैंड को नजरअंदाज क्यों किया गया?

-अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए?

-भविष्य में इसे चालू करने के लिए क्या योजना है?

साथ ही, मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भी निर्देश दिया गया कि वे संबंधित निर्देश प्राप्त कर एक विस्तृत जवाब दाखिल करें।

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