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ChatGPT और DeepSeek AI से सरकारी कर्मचारी और अधिकारी रहे दूर; भारत सरकार ने जारी किये दिशा निर्देश.. जानिये क्या रही वजह

By: आशीष कुमार
New Delhi
2/5/2025, 12:10:40 PM
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Government employees and officers should stay away from ChatGPT and DeepSeek AI

नई दिल्ली (डेस्क)। भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ChatGPT, DeepSeek और दूसरे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से बुधवार (5 फरवरी) को जारी आदेश में कहा गया है कि, सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी इन टूल्स का इस्तेमाल न करें। सरकार का कहना है कि, इन AI प्लेटफॉर्म्स के जरिए संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ सकता है। सरकारी कंप्यूटर और लैपटॉप पर इनका इस्तेमाल करने से राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता को नुकसान हो सकता है। सरकारी आदेश में कर्मचारियों को AI टूल्स से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी गई है।

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डेटा सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंताएं

भारत में AI ऐप्स का तेजी से उपयोग बढ़ रहा है। ChatGPT, DeepSeek, Google Gemini जैसे विदेशी AI टूल्स को लोग अपने कामकाज में इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, सरकार को चिंता है कि यह ऐप्स यूजर्स से उनके डिवाइस में मौजूद डेटा और जरूरी परमिशन की मांग करते हैं। इससे निजी और गोपनीय जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। सरकारी कर्मचारियों के सरकारी नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों पर इनका इस्तेमाल करने से सीक्रेट फाइलें और संवेदनशील डेटा असुरक्षित हो सकता है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए नए दिशा-निर्देश सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि, वे अपने कर्मचारियों को ChatGPT और दूसरे AI टूल्स का इस्तेमाल करने से रोकें। आदेश में कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों में AI प्लेटफॉर्म्स को नजरअंदाज करना जरूरी है। हालांकि, कर्मचारी चाहें तो अपने पर्सनल डिवाइस पर इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। सरकार जल्द ही सरकारी कामकाज में AI टूल्स के इस्तेमाल से जुड़ी एक व्यापक नीति लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस नीति में डेटा सुरक्षा के मानकों को स्पष्ट रूप से बताया जाएगा।

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भारत में बढ़ रही AI ऐप्स की लोकप्रियता

भारत में AI टेक्नोलॉजी का असर तेजी से बढ़ रहा है। ChatGPT, DeepSeek, Google Gemini जैसे टूल्स कंटेंट राइटिंग, डेटा एनालिसिस, कोडिंग और ट्रांसलेशन में मददगार साबित हो रहे हैं। स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और बिजनेसमैन इन टूल्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। लेकिन, सरकार का मानना है कि इनका अनियंत्रित इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। डेटा प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए AI टूल्स के इस्तेमाल को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

सरकार के फैसले पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI टूल्स का उपयोग फायदे के साथ-साथ नुकसानदायक भी हो सकता है। सरकार के इस कदम को सही फैसला बताया जा रहा है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि AI टूल्स के जरिए डेटा लीक होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए, सरकार को एक सुरक्षित और स्वदेशी AI विकल्प डेवलप करने पर ध्यान देना चाहिए। विशेषज्ञों का सुझाव है कि देश में स्वदेशी AI टूल्स डेवलप किए जाएं, ताकि डेटा सुरक्षा के स्टैंडर्ड्स को पूरा किया जा सके।

क्या है सरकार की अगली रणनीति?

सरकार जल्द ही AI टूल्स के इस्तेमाल को लेकर एक स्पष्ट नीति लाने की तैयारी कर रही है। इस नीति में यह तय किया जाएगा कि सरकारी कर्मचारियों को किन परिस्थितियों में AI टूल्स का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाएगी। साथ ही, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, भारत में मेड इन इंडिया AI प्लेटफॉर्म डेवलप करने की दिशा में भी कोशिश की जा सकती है, जिससे विदेशी AI टूल्स पर निर्भरता कम की जा सके। हाल ही में सूचना एवं तकनीक मंत्रालय ने इंडिया एआई डेवलप करने की घोषणा की है।

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